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Wonders of the World (Hindi)
Wonders of the World (Hindi)
विश्व के सात नए अजूबे – New Seven Wonders of the World
2,200
साल पहले यूनानी विद्वानों द्वारा बनाई गई विश्व के सात अजूबों की सूची को
07 जुलाई, 2007 (07-07-07) को दुबारा संशोधित किया गया. चूंकि पुरानी
इमारतों में से अधिकांश टूट-फूट चुकी हैं इसलिए इंटरनेट के माध्यम से 1999
से शुरु हुई एक प्रतियोगिता के जरिए इस नई सूची को बनाया गया. 2005 से इसके
लिए मतदान शुरु हुए जिसमें दुनियाभर के लोगों ने हिस्सा लिया.
दुनिया
के नए अजूबे अपने निर्माण और लोगों में लोकप्रियता की वजह से इस मुकाम तक
पहुंचे हैं. दुनिया के सात नए अजूबे कुछ इस प्रकार से हैं :
1. क्राइस्ट द रिडीमर (Christ the Redeemer): ब्राजील
के रियो डि जनेरियो (Rio de Janeiro, Brazil) में पहाड़ी के ऊपर स्थित 130
फुट ऊंची ‘क्राइस्ट द रिडीमर’ (Christ the Redeemer) अर्थात ‘उद्धार करने
वाले ईसा मसीह’ की मूर्ति दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति है. यह मूर्ति
कंक्रीट और पत्थर से बनाई गई है. यह ईसा मसीह की इस संसार में सबसे बड़ी
मूर्ति है. इसका निर्माण 1922 से 1931 के बीच हुआ. यह बहुत ही नवीन है. रात
के समय इसका नजारा अद्वितीय होता है.
2. चीन की दीवार (Great Wall of China): चीन
ने अपनी सुस्रक्षा के लिए अपनी सभी सीमाओं को एक दीवार से घेर दिया था
जिसे चीन की दीवार कहते हैं. यह दीवार 5वीं सदी ईसा पूर्व में बननी चालू
हुई थी और 16 वीं सदी तक बनती रही. यह चीन की उत्तरी सीमा पर बनाई गयी थी
ताकि मंगोल आक्रमणकारियों को चीन के अंदर आने से रोका जा सके. यह संसार की
सबसे लम्बी मानव निर्मित रचना है जो लगभग 4000 मील (6,400 किलोमीटर) तक
फैली है. इसकी सबसे ज्यादा ऊंचाई 35 फुट है जो इसे सुरक्षा देती है. यह
दीवार इतनी चौड़ी है कि इस पर 5 घुड़सवार या 10 पैदल सैनिक गश्त लगा सकते
हैं.
3. जार्डन का ‘पेट्रा’ (Petra): ऐतिहासिक शहर पेट्रा
अपनी विचित्र वास्तुकला के लिए दुनिया के सात अजूबों में शामिल है. यहां
तरह तरह की इमारतें है जो लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं और सब पर बेहतरीन
नक्काशी की गई है. इसमें 138 फुट ऊंचा मंदिर, नहरें, पानी के तालाब तथा
खुला स्टेडियम है. ‘पेट्रा’ जॉर्डन के लिए विशेष महत्व रखता है क्यूंकि यह
उसकी कमाई का जरिया है. ‘पेट्रा’ पर्यटन के लिहाज से जॉर्डन के लिए सोने के
अंडे देने वाली मुर्गी है.
4. ताजमहल (Tajmahal): दुनिया
में प्यार से प्यारा और खूबसूरत एहसास कुछ नहीं होता. प्यार की इसी
खूबसूरती को इमारत की शक्ल दी भारत के मुगल बादशाह शाहजहां ने. शाहजहां ने
अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया था. यह 1632 में बना और 15
साल में पूरा हुआ. उसने अपने जीवन के अंतिम दिन कैद में से ताजमहल को देखते
हुए बिताए थे. यह खूबसूरत गुंबदों वाला महल चारों तरफ बगीचों से घिरा है.
क्षितिज पर इसके ताज के आकार के अलावा कुछ नजर नहीं आता और मुगल शिल्पकला
का यह सबसे बढ़िया उदाहरण माना जाता है.
5. रोम का कॉलोसियम (Colosseum of Rome) : यह
एक विशाल खेल स्टेडियम है. जिसे लगभग 70 सदी में सम्राट वेस्पेसियन
(Vespasian) ने बनाना चालू किया था. इसमें 50,000 तक लोग इकट्ठे होकर
जंगली जानवरों और गुलामों की खूनी लड़ाइयों के खेल देखते थे. इस स्टेडियम
में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते थे. इस स्टेडियम की नकल करना आज तक
नामुमकिन है. इंजीनियरों के लिए अब तक यह एक पहेली बना हुआ है.
6. माचू पिच्चू (Machu Picchu): 15वीं
शताब्दी में सतह से 2430 मीटर ऊपर यानि एक पहाड़ी के ऊपर बने एक शहर में
रहना और उस शहर को बनाना अपने आप में अजूबा ही है. दक्षिण अमरीका में एंडीज
पर्वतों के बीच बसा ‘माचू पिच्चू शहर’ पुरानी इंका सभ्यता का सबसे बड़ा
उदाहरण है. माना जाता है कि कभी यह नगरी संपन्न थी पर स्पेन के आक्रमणकारी
अपने साथ चेचक जैसी बीमारी यहां ले आए जिससे यह शहर पूरी तरह तबाह हो गया.
7. चिचेन इत्जा (Chichen Itza): मेक्सिको
में बसी चिचेन इत्जा नामक यह इमारत दुनिया में माया सभ्यता के गौरवपूर्ण
काल की गाथा गाती है. उस समय के कुशल कारीगरों की मेहनत को यह इमारत अपने
आप में संजोयी हुई है. शहर के बीचोबीच कुकुलकन का मंदिर है जो 79 फीट की
ऊंचाई तक बना है. इसकी चार दिशाओं में 91 सीढ़ियां हैं. प्रत्येक सीढ़ी साल
के एक दिन का प्रतीक है और 365 वां दिन ऊपर बना चबूतरा है.
विश्व के सात अजूबे (प्राचीन) – Seven Wonders of the World
पोस्टेड ओन: 14 Jul, 2011 मस्ती मालगाड़ी में
यह दुनिया बहुत सुन्दर है. प्रकृति ने अपने रंग से इस दुनियां को बहुत ही रंगीन बनाया है. समुद्र, पहाड़ और जमीन के मिलन से प्रकृति ने कुछ ऐसा नजारा हमारे लिए तैयार किया है जिसकी कल्पना करना इंसान के लिए कभी-कभी सपने जैसा हो जाता है. दुनियां में प्रकृति ने इतना रंग घोला है कि इंसान में भी इसे और सुन्दर बनाने की ललक पैदा हो गई. कभी अपनी याद के लिए तो कभी कला को समर्पण करने के लिए तो कभी किसी अन्य वजह से इंसान ने ऐसी कई रचनाएं की हैं जिनसे यह दुनिया और भी खूबसूरत बन गई है.
संसार में यूं तो इंसान द्वारा बनाई गई हजारों ऐसी कृतियां हैं जिन्हें देख आप अंचभे में पड़ जाएंगे लेकिन दुनियां के सात अजूबों की बात ही अलग है. अपनी शिल्प कला, वास्तु कला और भवन निर्माण कला के लिए दुनियां के सात अजूबे हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं.
दुनियां के नए सात अजूबों को हाल ही में जोड़ा गया है किंतु क्या आप जानते हैं कि दुनियां के सात प्राचीन अजूबे कौन से थे? साथ ही दुनियां के सात नए अजूबे कौन से हैं? नहीं….? तो आपके इसी सवाल का जवाब लिए यह ब्लॉग हाजिर है.
दुनियां के सात अजूबे अपनी वास्तु कला, इतिहास और भवन निर्माण की कला में अद्भुत होने की वजह से अजूबों की सूची में शामिल होते हैं. दुनियां में सबसे प्राचीन सात अजूबों में से अभी सिर्फ एक ही इमारत शेष है और वह है गीज़ा का विशाल पिरामिड जो मिस्त्र में है.
प्राचीन दुनियां के सात अजूबों की सूची कुछ इस प्रकार है :
Great Pyramid of Gizam – गीज़ा का विशाल पिरामिड (मिस्त्र): मिस्त्र में बने इन पिरामडों की रचना एक पहेली है. फाराओह खुफु(Pharaoh Khufu) की याद में बने इस पिरामिड की खासियत यह है कि इसे पत्थरों को पानी में काट कर, एक से ऊपर एक पत्थर को रख कर बनाया गया है. पत्थरों को कुछ इस तरह से रखा गया है कि इसमें एक बाल घुसने की भी जगह नहीं है. यह अब तक समय की मार झेलता हुआ खड़ा है. गणित का इस्तेमाल कर शिल्पकारो ने इस रचना को आकार दिया था.
Hanging Gardens of Babylon- बेबीलोन के झूलते बागीचे (इराक): जैसा की नाम से लगता है यह इमारत कितनी विचित्र होगी. यह प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से एक था. यह प्राचीन बेबीलोन में बना था जो आज इराक में अल-हिल्लह नामक स्थान के पास है. यह उद्यान यहां के राजा नबूचड्नेजार (Nebuchadnezzar II) ने 600 ईसा पूर्व बनाई थी. यह उद्यान उसने अपनी पत्नी को खुश करने के लिए बनवाया था पर समय की मार ने इस विचित्र अजूबे को दफन कर दिया. भूकंप में यह उद्यान नष्ट हो गया था.
Lighthouse of Alexandria – सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ (मिस्र): मिस्त्र में दुनियां का एक और अजूबा पाया जाता था और वह था सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ. माना जाता है समुद्री नाविकों को राह दिखाने के लिए इस प्रकाश स्तंभ की रचना की गई थी. हजारों साल पहले बनी इस इमारत की ऊंचाई 450 फीट तक बताई जाती है. मिस्त्र के देवता फराओ (Pharos) की याद में बना यह प्रकाश स्तंभ अब एक इतिहास बन कर रह गया है.
Statue of Zeus at Olympia- ओलम्पिया में जियस की मूर्ति (यूनान): ओलम्पिया में जियस की मू्र्ति प्राचीन विश्व का सात आश्चर्यो में से एक है. इस मूर्ति का निर्माण यूनानी मूर्तिकार फ़िडी्यास ने ईसा से 432 साल पहले किया था. इस मूर्ति को यूनान के ओलम्पिया में स्थित जियस के मंदिर (Temple of Zeus, Olympia, Greece) मे स्थापित किया गया था. इस मूर्ति में जियस को बैठी हुई अवस्था में दिखाया गया था. मूर्ति की उंचाई 12 मीटर थी. आग की वजह से इस इमारत को भी अब सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही देख सकते हैं.
Mausoleum of Maussollos at Halicarnassus – हैलिकारनेसस का मकबरा (तुर्की): हैलिकारनेसस में बनी यह इमारत 150 फीट ऊंची है और एक मकबरे की आकृति में है. 623 ईसा पूर्व इस इमारत की रचना की गई थी.
मौसोलस (Mausolus) नामक शासक के द्वारा बनवाई गई इस इमारत को उसके याद के रुप में जाना जाता है.
Temple of Artemis at Ephesus – आर्तिमिस का मंदिर (तुर्की): गीक्र देवता अर्तिमिस (Greek goddess Artemis) को समर्पित इस मंदिर को बनने में 120 साल लगे थे. कई हमलों की वजह से मूल मंदिर तो तबाह हो गया था.
दुबारा एलेक्जेंडर द ग्रेट (Alexander the Great) ने इसे बनवाया पर फिर एक हमलावर ने इसे नष्ट कर दिया.
रोड्स के कोलोसस की मूर्ति (यूनान): यूनान की एक और वास्तु कला को विश्व के सात अजूबो में गिना जाता था. रोड्स के कोलोसस की मूर्ति करीब 300 ईसा पूर्व निर्मित हुई थी. यह राजा रोड्स की साइप्रस के राजा पर मिली जीत की खुशी में बनाई गई थी. नष्ट होने से पहले इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 30 मीटर थी जो इसे विश्व की सबसे बड़ी इमारत बनाती थी. भूकंप की वजह से यह इमारत भी इतिहास में दफन हो गया.
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Source :- http://entertainment.jagranjunction.com/2011/07/16/new-seven-wonders-of-the-world/
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{ Jayesh
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